उत्तराखंड

उत्तराखंड में नए आपराधिक कानूनों का शुभारंभ

new criminal laws

देहरादून। उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय में एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें माननीय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अतिथि के रूप में भाग लिया। इस अवसर पर श्री धामी ने भारतीय न्याय व्यवस्था में तीन नए आपराधिक कानूनों (new criminal laws) के लागू होने का शुभारंभ किया। इन नए कानूनों का लक्ष्य राज्य की सुरक्षा बढ़ाना, न्याय प्रणाली को सुधारना और नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करना है।

new criminal laws उत्तराखंड राज्य की न्याय व्यवस्था में महत्वपूर्ण सुधार आएगा

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि इन नए कानूनों के लागू होने से उत्तराखंड राज्य की न्याय व्यवस्था में महत्वपूर्ण सुधार आएगा। इन कानूनों के जरिए हम विभिन्न अपराधिक गतिविधियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करेंगे और दोषियों को सख्त सजा दिलाएंगे। इसके साथ ही न्याय संबंधी प्रक्रियाओं में भी सुधार किया जाएगा ताकि सभी नागरिकों को विश्वासनीय और त्वरित न्याय प्राप्त हो सके।

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इन नए कानूनों का लागू होना उत्तराखंड राज्य की पुलिस विभाग के लिए एक नई यात्रा की शुरुआत है, जिसमें तकनीकी उन्नति और फॉरेंसिक विज्ञान का प्रयोग अधिक किया जाएगा। इन कानूनों के तहत डिजिटल साक्ष्य का प्रयोग भी महत्वपूर्ण होगा, जिससे अपराधी गतिविधियों की जांच में अधिक पारदर्शीता और तेजी होगी।

यह कार्यक्रम उत्तराखंड पुलिस विभाग और उत्तराखंड सरकार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसके माध्यम से समाज की सुरक्षा में सुधार होगा और न्याय प्रणाली में सशक्तिकरण किया जाएगा। इसके साथ ही, नए कानूनों के लागू होने से भारतीय न्याय व्यवस्था में एक नया अध्याय शुरू होगा, जो सभी नागरिकों के लिए न्याय और समानता का संरक्षण करेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार हमारे कानून आतंकवाद, संगठित अपराधों और आर्थिक अपराधों को पूरी तरह परिभाषित करेंगे। नए कानूनों में मॉब लिंचिंग को स्पष्ठ रूप से परिभाषित किया गया है, भगोड़ों की गैरमौजूदगी में भी मुकदमा चलाने के लिए स्पष्ट प्रावधान किए गए हैं। साथ ही बहुत छोटे अपराधों के लिये सजा के रूप में सामुदायिक सेवा की शुरुआत एक क्रांतिकारी कदम है। नई संहिता में 533 गैरजरूरी धाराओं को खत्म कर दिया गया है।

मुख्य सचिव, राधा रतूड़ी, ने कहा कि आज पूरे देश में ऐतिहासिक निर्णय का क्रियान्वयन हो रहा है। सभी थानों में एफआईआर भी नई धाराओं में दर्ज की जायेंगी। ब्रिटिश काल से लेकर आज तक पुराने कानून जो चल रहे थे उनके स्थान पर वर्तमान परिस्थिति के हिसाब से नए आपराधिक कानून लागू हो रहे हैं। इसका मुख्य उद्देश्य होगा नागरिकों को न्याय दिलाना। इसमें मुख्य रुप से हमारी महिलाएं एवं कमजोर वर्ग के लिए उनके लिए बहुत अच्छे कानून बने हैं, जिससे सबको त्वरित न्याय मिलेगा। नए कानूनों में टेक्नोलॉजी के प्रयोग और फॉरेंसिंक विज्ञान को बढ़ावा दिया गया है। इन्वेस्टिगेटिंग ऑफिसर मौके पर जाकर तत्काल इन्वेस्टिंगेशन में सबूत इक्ट्ठा कर लेंगे फोरेन्सिक में भी त्वरित कार्यवाही होगी। इन्वेस्टिगेशन ज्यादा साइन्टिफिक तरीके से होगा। इसमें न्याय मिलने की उम्मीद बहुत बढ़ जायेगी। इन नये कानूनों को प्रदेश में एक मॉडल तरीके से लागू करेंगे।

पुलिस महानिदेशक, अभिनव कुमार ने कहा कि आजादी के बाद यह हमारी न्याय व्यवस्था का सबसे बड़ा क्रांतिकारी परिवर्तन है। दिसम्बर 2023 में हमारी संसद ने यह तीन नये कानून पास किये और निर्णय लिया गया कि 01 जुलाई, 2024 से यह पूरे भारत में लागू होंगे। इस क्रम में गृह विभाग और पुलिस विभाग द्वारा तभी से व्यापक तैयारियां शुरू कर दी गयी थी। उसी का परिणाम है कि आज हमारे प्रदेश में नये आपराधिक कानूनों के तहत क्रियान्वयन भी शुरू हो गया है। यह बहुत बड़ा ऐतिहासिक कदम है। नए कानूनों का तीन मुख्य तथ्यों न्याय, समानता एवं निष्पक्षता को केंद्रित कर गठन किया गया है। इन कानूनों को लागू करने में माननीय प्रधानमंत्री जी का जो विजन है उसमें हम पूरी तन्मयता से कार्य करेंगे।

नये आपराधिक कानूनों के राज्य मे सफल क्रियान्वयन के लिये सी.सी.टी.एन.एस./ एस.सी.आर.बी. टीम द्वारा एन.सी.आर.बी. से प्राप्त 23 विभिन्न पेचों का सी.सी.टी.एन.एस. के केस सॉफ्टवेयर में समायोजन किया गया है। नागरिक केन्द्रित इस ऐतिहासिक बदलाव का उद्देश्य पीड़ित-केंद्रित न्याय, मजबूत राष्ट्रीय सुरक्षा और कानूनी कार्यवाही में डिजिटल साक्ष्य के एकीकरण को संबोधित करना है, जिसके लिये पुलिस मुख्यालय स्तर से प्.व्. एप्लिकेशन निर्मत की गयी है, जो घटनास्थल से डिजिटल साक्ष्य एकत्रित करने मे सहायक होगा, जिसके लिये माननीय मुख्यामंत्री जी द्वारा विवेचकों को टेबलेट वितरित किये गये हैं।

कार्यक्रम के दौरान विभिन्न जिलों से अधिवक्ताओं, पुलिस अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों ने भी तीन नए कानूनों पर विस्रतार से जानकारी दी।

इस अवसर पर शैलेश बगौली, सचिव, दिलीप जावलकर, सचिव गृह, पी0वी0के0 प्रसाद, अपर पुलिस महानिदेशक/ निदेशक अभियोजन, अमित सिन्हा, अपर पुलिस महानिदेशक प्रशासन, वी0 मुरुगेशन, अपर पुलिस महानिदेशक, सीबीसीआईडी, ए0पी0 अंशुमान, अपर पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था सहित समस्त पुलिस महानिरीक्षक एवं पुलिस उपमहानिरीक्षक स्तर के अधिकारी प्रत्यक्ष तथा समस्त जनपद प्रभारी, विभिन्न थानों के थानाध्यक्ष, विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति, बार काउंसिल के सदस्य, अधिवक्ता व आम जन ऑनलाइन उपस्थित रहे।

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