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एसजीआरआर एजुकेशन मिशन: प्रधानाचार्यों की भूमिका पर वार्षिक अधिवेशन

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  • एसजीआरआर एजुकेशन मिशन के वार्षिक अधिवेशन में विभिन्न राज्यों में एसजीआरआर ग्रुप के संचालित स्कूलों के 100 से अधिक प्रधानाचार्यों ने किया प्रतिभाग
  • आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के दौर में शिक्षकों को और अपडेट रहने की आवश्यता

देहरादून। स्कूली शिक्षा को सफल बनाने में प्रधानाचार्यों की महत्ती भूमिका है। शैक्षणिक नेतृत्व व वार्षिक शैक्षणिक योजना में प्रधानाचार्य का महत्वपूर्ण योगदान होता है। प्रधानाचार्य किसी भी स्कूल की योजना निर्धारण मे भी सबसे अहम भूमिका निभाते हैं। प्रभावी शैक्षणिक नेतृत्वकर्ता के अंदर क्या मुख्य गुण-कौशल होने चाहिए, इन बिन्दुओं पर वार्षिक अधिवेशन में विस्तारपूर्वक मंथन हुआ। श्री गुरु राम राय एजुकेशन मिशन द्वारा संचाचिल एसजीआरआर पब्लिक स्कूलों के प्रधानाचार्यों के वार्षिक अधिकवेशन में वक्ताओं ने मुख्य रूप से इन बिन्दुओं को रेखांकित किया। प्रधानाचायर्रू एक शैक्षणिक नेतृत्वकर्ता विषय पर आधारित कार्यक्रम में प्रधानाचार्यों की भूमिका, जिम्मेदारी व नीति निर्धारण जैसे महत्वपूर्णं बिन्दुओं पर चर्चा हुई।

श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के सभागार में आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि मनीष अग्रवाल, क्षेत्रीय अधिकारी, सीबीएसई, विशिष्ट अतिथि वीना रावत आजीवन सदस्य एसजीआरआर एजुकेशन मिशन, विजय नौटियाल, अधिकृत हस्ताक्षरी प्रबन्धक, एसजीआरआर एजुकेशन मिशन, विनय मोहन थपलियाल, शिक्षा अधिकारी, एसजीआरआर एजुकेशन मिशन मनोज जखमोला, मुख्य वित्त नियंत्रक, एसजीआरआर एजुकेशन मिशन, जी.एस. तोमर, शिक्षा अधिकारी, एसजीआरआर एजुकेशन मिशन ने दीप प्रज्जवलित कर एवम् ब्रहमलीन श्रीमहंत इन्दिरेश चरण दास जी महाराज के चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

वार्षिक अधिवेशन में उत्तराखण्ड, उत्तर प्रदेश, पंजाब, दिल्ली आदि राज्यों में संचालित एसजीआरआर स्कूलों के 100 से अधिक स्कूल प्रधानाचार्यों ने भाग लिया। इस अवसर पर स्कूलों के लेखा विभाग, ईएसआईसी व ईपीएफ को और बेहतर बनाये जाने पर भी चर्चा हुई। एसजीआरआर पब्लिक स्कूल पटेल नगर के छात्र-छात्राओं ने सरस्वती वंदना से कार्यक्रम को भक्तिमय बना दिया। विजय नौटियाल, अधिकृत हस्ताक्षरी प्रबन्धक एसजीआरआर एजुकेशन मिशन ने स्वागत अभिभाषण से कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने सीबीएसई बोर्ड परीक्षा परिणाम में एसजीआरआर पब्लिक स्कूलों के टापर्स छात्र-छात्राओं व उनके प्रधानाचार्यों को विशेष रूप से बधाई दी।

मुख्य अतिथि मनीष अग्रवाल, क्षेत्रीय अधिकारी देहरादून ने कहा कि वर्तमान परिवेश में अध्यापन का प्रारूप बदल चुका है। आर्टिफिशियल इंटेलेजेंस आने के बाद शिक्षाविदों के लिए भी एक चुनौती आई है। पुराने जमाने की तुलना में आज शिक्षक को और ज्यादा अपडेट रहने की जरूरत है। आज आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का दौर है। शिक्षकों को समय की मांग के अनुरूप निरंतर प्रशिक्षण और तकनीकी दक्षता प्राप्त करनी होगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि छात्र, अभिभावक एवम् स्कूल के दृष्टिकोण में 10वीं के अंक एवम् परीक्षा परिणाम हमेशा ही महत्वपूर्ण रहे हैं, 10वीं के परिणाम महत्वपूर्ण हैं लेकिन यह परिणाम विद्यार्थी के पूरे जीवन की दिशा दशा को तय करेेंगे यह भी पूरा सत्य नहीं है। शिक्षक छात्र-छात्राओं को इस तनाव से बाहर निकालने में मददगार बनें।

कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि, वीना रावत, आजीवन सदस्य, श्री गुरु राम राय एजुकेशन मिशन ने कहा कि मिशन के चेयरमैन श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज कुशल प्रशासक के रूप में हम सभी के प्रेरणास्त्रोत हैं। यही कारण है कि एसजीआरआर के स्कूलों को सही दिशा प्राप्त होती है, स्कूल के प्रधानाचार्य शिक्षण प्रशासनिक कार्यों में सुगम समन्वय बनाकर प्रगतिशील कार्यों में अपना शत प्रतिशत योगदान दे पाते हैं।

कविता सिंह, प्रधानाचार्या, एसजीआरआर पब्लिक स्कूल, तालाब ने शैक्षणिक नेतृत्व व वार्षिक शैक्षणिक योजना के विषय मे जानकारी दी। संदीपना जायसवाल प्रधानाचार्या एसजीआरआर पब्लिक स्कूल, बॉम्बे बाग ने शैक्षणिक नेतृत्व में स्कूल के प्रधानाचार्या की भूमिका को विस्तारपूर्वक समझाया। डी.पी. विज्लवाण प्रधानाचार्य एसजीआरआर पब्लिक स्कूल, झनकपुरी, गजरौला ने योग्यता आधारित शिक्षा और समग्र मूल्यांकन विषय पर ज्ञान साझा किया। मुख्य सलाहकार माननीय चेयरमैन डॉ विपिन घिल्डियाल ने भी प्रधानाचार्यों को सम्बोधित किया व उनकी भूमिका को सराहा। जी.एस. तौमर शिक्षा अधिकारी ने प्रभावी शैक्षणिक नेतृत्वकर्ता के रूप में प्रधानाचार्य में मुख्य कौशल और गुण क्या होने चाहिए के विषय पर व्याख्यान दिया।

विनय मोहन थपलियाल ने स्कूलांे के लेखा विभाग व शिक्षकों एवम् कर्मचारियो हेतु ई.एस.आई.सी. व ई.पी.एफ. के प्रबंधन के साथ साथ स्कूल के संचालन के बारे में भी जानकारियां सांझा कीं। इसके उपरांत उत्तराखण्ड पर्वतीय और देहरादून क्षेत्र के एसजीआरआर पब्ल्कि स्कूलों, उत्तराखण्ड क्षेत्र से बाहर के स्कूलों के शिक्षा अधिकारियों व लेखा विभाग प्रमुुखों ने लेखा विभाग के विषयों पर विस्तृत मंत्रणा की। कार्यक्रम का समापन सुनील कोठारी, प्रधानाचार्य एसजीआरआर पब्लिक स्कूल ऋषिकेश ने धन्यवाद ज्ञापन से किया। कार्यक्रम में एसजीआरआर एजुकेशन मिशन से जुडे विभिन्न गणमान्य पदाधिकारी उपस्थित रहेे।

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