Employment Generation by Uttarakhand Tourism
पिथौरागढ़। आईटीबीपी पिथौरागढ़ में आयोजित ‘उद्देश्य स्थल टूर गाइड प्रशिक्षण कार्यक्रम’ का समापन समारोह संपन्न हुआ। यह कार्यक्रम उत्तराखंड पर्यटन विभाग और पर्यटन और आतिथ्य कौशल परिषद (टीएचएससी) द्वारा संचालित किया गया था। इस समारोह के मुख्य अतिथि आईटीबीपी पिथौरागढ़ के कमांडेंट ऑफिसर आर. बी. एस. कुशवाहा और मानस कॉलेज के संस्थापक डॉ. अशोक थे।
इस अवसर पर कार्यक्रम की नोडल अधिकारी उत्तराखंड सरकार के पर्यटन विभाग की अपर निदेशक पूनम चंद वर्चुअल मोड के माध्यम से समारोह में शामिल हुईं। उन्होंने बताया कि पर्यटन विभाग ने अब तक कुल 1500 गाइड्स को प्रशिक्षित किया है, जो अब पर्यटन क्षेत्र में काम करने के लिए तैयार हैं और अच्छा कार्य भी कर रहे हैं। उन्होंने इन गाइड्स को भविष्य में थ्रीडी टूर और उन्नत प्रशिक्षण प्रदान किए जाने की भी बात कही। उन्होंने आईटीबीपी पिथौरागढ़ को ट्रेनिंग में सहयोग देने के लिए धन्यवाद दिया।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में स्थानीय पर्यटन, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर, एडवेंचर टूरिज्म, पर्यावरणीय संरक्षण, धारावाहिक दिशा और ग्राहक सेवा, सरकारी पहल और नीतियों का विस्तारपूर्वक अध्ययन किया गया। छात्रों को व्यावसायिक समर्थन को मजबूत करने के लिए ऑफलाइन और ऑनलाइन क्लासेस भी प्राप्त हुए।
इस समारोह में कई प्रतिष्ठित ट्रेनर भी शामिल थे, जिनमें पद्मभूषण पुरस्कार प्राप्तकर्ता डॉ. अनिल जोशी, प्रोग्राम ट्रेनर बासुदेव पांडेय, एडवेंचर एक्सपर्ट शंकर सिंह, अंग्रेजी ट्रेनर सोहनवीर सिंह, लोकेश ओहरी, आईटीबीपी डॉक्टर डॉ. स्वप्नील, तितली ट्रस्ट मालिक संजय सोंधी, पर्यटन मंत्रालय सलाहकार डॉ. स्वर्णा, आईआईटीएम ग्वालियर फैकल्टी रमेश देवराथ, हेड ऑफ डिपार्टमेंट, गढ़वाल यूनिवर्सिटी पर्यटन विभाग डॉ. एस. सी. बागड़ी, और नारायण नगर के प्रबंधक दीपक जी शामिल थे।
छात्रों को इस प्रशिक्षण के दौरान आस्कोट महल की साइट दौरी के दौरान राजा भानु राज सिंह जी से मिलने और उनसे मार्गदर्शन प्राप्त करने का मौका मिला। इसके अतिरिक्त, छात्रों को डीएम और डीएफओ पिथौरागढ़ से भी मिलकर मार्गदर्शन प्राप्त हुआ।
कमांडेंट आर. बी. एस. कुशवाहा ने इस पर्यटन विभाग द्वारा स्थानीय समुदायों के लिए रोजगार उत्पन्न करने की इस पहल को एक महत्वपूर्ण कदम बताया। छात्रों ने अपनी व्यावसायिक समर्थन को मजबूत करने के लिए कई स्थानों की दौरी की, जैसे कि कपिलेश्वर मंदिर, चांदक ट्रेक ट्रेल, मोस्टमानु मंदिर, पाताल भुवनेश्वर, हाट कालिका मंदिर, आस्कोट महल और नारायण नगर।
इस कार्यक्रम के माध्यम से छात्रों ने अपने प्रशिक्षण की व्यापकता को बढ़ाया है और पर्यटक गाइड के रूप में अपनी योग्यता को मजबूत किया है। उन्होंने स्थानीय पर्यटन, सांस्कृतिक धरोहर, एडवेंचर टूरिज्म, पर्यावरणीय संरक्षण, धारावाहिक दिशा और ग्राहक सेवा के क्षेत्र में व्यापक ज्ञान प्राप्त किया है।