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प्रदेश में भी शुरू होगी ‘गरीब कैदियों को सहायता योजना’

Assistance scheme for poor prisoners

देहरादून। भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा कैदियों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए शुरू की गई ‘Assistance scheme for poor prisoners’ के राज्य में क्रियान्वयन को लेकर तैयारियां तेज हो गई हैं। इसे लेकर अपर मुख्य सचिव ने भारत सरकार के दिशा-निर्देशों और मानक संचालन प्रक्रिया के तहत जनपदों में जिला मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता में सशक्त समिति का गठन करने के आदेश जारी किए हैं। यह समिति प्रत्येक प्रकरण में जमानत/जुर्माना राशि को लेकर निर्णय करेगी।

Assistance scheme for poor prisoners योजनाश् प्रारंभ की गई है :-

गृह सचिव, भारत सरकार के पत्र 19 जून, 2023 के द्वारा वित्तीय वर्ष 2023-24 के केन्द्रीय बजट में वित्त मंत्री भारत सरकार के वक्तव्य / घोषणा श्समाज के अन्तिम छोर पर बैठे व्यक्ति को लाभ पहुंचानाश् के क्रम में ऐसे गरीब कैदियों, जो आर्थिक तंगी के कारण उन पर लगाये गए जुर्माने को अदा न कर पाने अथवा जमानत राशि वहन न कर पाने के कारण जेल से रिहा नहीं हो पा रहे हैं, को वित्तीय सहायता प्रदान किये जाने हेतु गृह मंत्रालय, भारत सरकार श्गरीब कैदियों को सहायता योजनाश् प्रारंभ की गई है।


इसी क्रम में बीते शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्री द्वारा की गई समीक्षा बैठक में उक्त बिंदु प्रकाश में आया था। जिस पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के अधिकारियों को इसके तत्काल अनुपालन के निर्देश जारी किए थे, जिसके क्रम में आज अपर मुख्य सचिव ने इसे लेकर आदेश जारी कर दिए हैं।


प्रदेश की अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने भारत सरकार द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देश एवं मानक संचालन प्रक्रिया के अनुसार राज्य में इस योजना के क्रियान्वयन हेतु जनपद स्तर पर सशक्त समिति का गठन किया है। जिसमें जिला मजिस्ट्रेट अध्यक्ष जबकि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक, वरिष्ठ कारागार अधीक्षक/कारागार अधीक्षक, जनपद न्यायाधीश द्वारा संबंधित कारागार क्षेत्र के नामित न्यायाधीश सदस्य होंगे।

समिति भारत सरकार द्वारा निर्धारित एसओपी के अनुसार प्रत्येक प्रकरण में जमानत/जुर्माना राशि के भुगतान के लिए धनराशि की आवश्यकता का निर्णय लेगी, जिसके क्रम में जिला मजिस्ट्रेट द्वारा अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो द्वारा गठित केंद्रीय नोडल एजेंसी से धनराशि आहरित कर जरूरी कार्रवाई करेगी। उक्त समिति एक नोडल अधिकारी भी नामित करेगी व कैदियों की आवश्यकतानुसार सामाजिक संस्था के प्रतिनिधि, समाज सेवक, जिला प्रोबेशन अधिकारी से अपेक्षित सहयोग प्राप्त करेगी।

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