अपराध

एसटीएफ ने P2P Crypto Trading मे करीब 18 करोड के Scam Exposed

Scam Exposed

देहरादून। वर्तमान में साइबर अपराधी आम जनता की गाढ़ी कमाई हड़पने हेतु अपराध के नये-नये तरीके अपनाकर धोखाधड़ी कर रहे है। इसी परिपेक्ष्य में ठगों द्वारा फर्जी साइट तैयार कर आम जनता से वट्सएप / ई-मेल / दूरभाष व अन्य सोशल साईटों के माध्यम से सम्पर्क कर स्वयं को विभिन्न नामी-गिरामी कम्पनियों के एचआर बताते हुये टेलीग्राम व यूट्यूब के माध्यम से यू ट्यूब वीडियो लाईक एवं सब्स्क्राईब करने के टास्क नाम पर घर बैठे लाभ कमाने का लालच देकर लाखों रुपये की धोखाधडी की जा रही है।
एक प्रकरण साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन को प्राप्त हुआ जिसमें अज्ञात व्यक्तियों द्वारा शिकायतकर्ता सन्नी जैन से वट्सएप के माध्यम से सम्पर्क कर स्वंय को कैरियर बिल्डर कम्पनी के एच0आर0 होना बताकर प्रतिदिन 3-8 हजार रुपये कमाने का प्रलोभन देकर जॉब ऑफर कर 02 लिंक भेजकर टेलीग्राम एप डाउनलोड करवाकर व अपने टेलीग्राम ग्रुप में जोडकर वादी का मोबाईल हैक कर लेना तत्पशचात दिनांक 25.06.2023 को वादी के फोन पर 30 हजार रुपये कटने का टैक्सट मैसेज आना व पता करने पर वादी के खाते से अज्ञात व्यक्ति द्वारा दिनांक 25-06-2023 को भिन्न-2 ट्रांजेक्शन के माध्यम से कुल 14,18,127/- रु0 की धोखाधडी कर लेने सम्बन्धी शिकायत के आधार पर साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन उत्तराखण्ड, देहरादून पर मु0अ0स0 14/2023 धारा 420 भादवि व 66डी आईटी एक्ट बनाम अज्ञात का अभियोग पंजीकृत किया गया तथा विवेचना साइबर थाने के निरीक्षक श्री देवेन्द्र नबियाल के सुपुर्द की गयी।

अभियोग में अभियुक्तों के विरुद्ध कार्यवाही हेतु गठित टीम द्वारा घटना में प्रयुक्त मोबाईल नम्बर, तथा अभियुक्तो द्वारा शिकायतकर्ता से प्राप्त धनराशि की जानकारी प्राप्त की गयी तो प्रकाश में आया कि अभियुक्तो द्वारा शिकायतकर्ता से यू ट्यूब वीडियो लाईक सब्स्क्राईब कर लाभ कमाने के नाम पर वादी मुकदमा से धोखाधडी की गयी । विस्तृत तकनीकी जांच के बाद संदिग्ध अभियुक्त का लुधियाना पंजाब से सम्बन्ध होना पाया गया जिसमें टीम को सम्बन्धित स्थानों को रवाना किया गया। पुलिस टीम द्वारा अथक मेहनत एवं प्रयास से साक्ष्य एकत्रित करते हुये अभियोग में अभियुक्त हरमीत सिंह बेदी पुत्र बलजीत सिंह बेदी निवासी म.नं. 1855, सैक्टर 32ए, चण्डीगढ़ रोड थाना डिविजन नं0 07, लुधियाना, पंजाब को गिरफ्तार किया गया। अभियुक्त से घटना में प्रयुक्त 03 मोबाईल फोन मय सिम कार्ड, 01 अदद मैक बुक एयर, 1 यस बैंक का चौक व एक मोहर बरामद किये गये ।

अपराध का तरीका:
अभियुक्तगण द्वारा नामी गिरामी कम्पनियों की फर्जी वैबसाईट बनाकर आम जनता से वट्सएप / ई-मेल / दूरभाष व अन्य सोशल साईटों के माध्यम से सम्पर्क कर स्वयं को विभिन्न नामी-गिरामी कम्पनियों के एचआर / कर्मचारी प्रतिदिन 3-8 हजार रुपये कमाने का प्रलोभन देकर जॉब ऑफर कर लिंक भेजकर टेलीग्राम एप डाउनलोड करवाकर व अपने टेलीग्राम ग्रुप में जोड़ना । तत्पशचात विभिन्न यू ट्यूब वीडियो लाईक एवं सब्स्क्राईब करने के टास्क देते है तथा उसमें निवेश कर अधिक लाभ कमाने का लालच देकर धोखाधड़ी से भिन्न-भिन्न लेन देन के माध्यम से धनराशि प्राप्त करते है व धोखाधडी से प्राप्त धनराशि को विभिन्न बैक खातो में प्राप्त कर उक्त धनराशि का प्रयोग करते है । अभियुक्तगणो द्वारा उक्त कार्य हेतु फर्जी सिम, आईडी कार्ड तथा फर्जी खातों का प्रयोग कर अपराध कारित किया जाता है । टेलीग्राम चौनल का संचालन दुबई से किया जा रहा है। आरोपी ने कबूला कि वह लोगों से दोस्ती करता था और फर्जी अकाउंट खोलता था। पी2पी ब्तलचजव ट्रेडिंग में विवादित पैसा भी लगाया।

क्यों एक P2P क्रिप्टो ट्रेडिंग के साथ सावधान रहना है?
एक व्यक्ति को नहीं पता कि क्रिप्टो किससे खरीदा गया था और किससे उसने क्रिप्टो को आगे बेचा। अक्सर, अपराधी धोखाधड़ी के पैसे से खरीदे गए क्रिप्टो को उन लोगों को बेचते हैं जो आगे किसी और को बेचते हैं।

एक और राष्ट्रीय घोटाला का खुलासा?
मामले के प्रारंभिक विश्लेषण में न्यूनतम 18 करोड़ का घोटाला सामने आया है। साथ ही गिरफ्तार आरोपी को निम्नलिखित राज्यों पुलिस कर रही तलाश – आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, दिल्ली, कर्नाटक, महाराष्ट्र, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, बिहार, गुजरात, हिमाचल, केरल, ओडिशा, पंजाब, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, हरियाणा, छत्तीसगढ़।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एस0टी0एफ0 उत्तराखण्ड आयुष अग्रवाल द्वारा जनता से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार के लोक लुभावने अवसरो/फर्जी साइट/धनराशि दोगुना करने व टिकट बुक करने वाले अंनजान अवसरो के प्रलोभन में न आयें । साथ ही, सभी से अपील है कि वे फर्जी निवेश ऑफर जैसे ल्वनजनइम सपाम सब्सक्राइब, टेलीग्राम आधारित निवेश वेबसाइट ऑफर में निवेश न करें। किसी भी प्रकार के ऑनलाईन जॉब हेतु एप्लाई कराने से पूर्व उक्त साईट का पूर्ण वैरीफिकेशन सम्बन्धित कम्पनी आदि से भलीं भांति इसकी जांच पड़ताल अवश्य करा लें तथा गूगल से किसी भी कस्टमर केयर नम्बर सर्च न करें व शक होने पर तत्काल निकटतम पुलिस स्टेशन या साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन को सम्पर्क करें । वित्तीय साईबर अपराध घटित होने पर तुरन्त 1930 नम्बर पर सम्पर्क करें ।

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