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झिलमिल झील में नेचुरलिस्ट प्रशिक्षण का समापन

Naturalist Advanced Training

झिलमिल झील, हरिद्वार में पर्यटन विभाग उत्तराखण्ड एवं Tourism & Hospitality Skill Council (THSC) द्वारा संचालित नेचुरलिस्ट एडवांस प्रशिक्षण कार्यक्रम का सफल समापन हुआ। इस अवसर पर उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद की अतिरिक्त निदेशक पूनम चन्द और वन विभाग के क्षेत्रीय अधिकारी महेश शर्मा उपस्थित रहे।

इस प्रशिक्षण में लगभग 80 प्रतिशत प्रतिभागी गूज्जर समुदाय से थे, जिनमें तीन गूज्जर बालिकाओं ने भी सक्रिय रूप से भाग लिया। इससे यह स्पष्ट होता है कि यह प्रशिक्षण समाज के हर वर्ग को नई दिशा देने में सहायक है। प्रशिक्षक तौकीर आलम, जो स्वयं गूज्जर समुदाय से हैं और एक युवा प्रकृति प्रेमी तथा पक्षी विशेषज्ञ हैं, ने इस प्रशिक्षण को और प्रभावी बनाया।

समापन अवसर पर पूनम चन्द ने सभी छात्रों को उत्तराखण्ड पर्यटन का मानचित्र भेंट किया और राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के प्रशिक्षण युवाओं को रोजगार और आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ने का अवसर देंगे। महेश शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि गूज्जर समुदाय का प्रकृति और जंगलों से गहरा जुड़ाव है, और इस तरह के प्रशिक्षण से उन्हें अपनी पारंपरिक जानकारी को आधुनिक पर्यटन और संरक्षण से जोड़ने का अवसर मिलेगा।

प्रशिक्षण के दौरान छात्रों ने अपने अनुभव साझा किए। यह एडवांस कोर्स था, जिसमें 90 प्रतिशत छात्र पहले ही बेसिक कोर्स कर चुके थे। इस प्रशिक्षण से उन्हें प्रकृति और जैव विविधता की गहरी समझ मिली और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण की नई दृष्टि प्राप्त हुई। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम उत्तराखण्ड पर्यटन विभाग स्थानीय समुदायों, विशेषकर गूज्जर समुदाय, को आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण की दिशा में आगे बढ़ा रहा है। इस पहल से उन्हें इको-टूरिज्म, प्रकृति गाइडिंग और बर्ड वॉचिंग जैसे क्षेत्रों में नए करियर विकल्प मिल रहे हैं, जिससे राज्य में सतत पर्यटन और जिम्मेदार पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

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