
Panchakarma and diet therapy
वीर माधो सिंह भंडारी उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित निरामया योगम रिसर्च फाउंडेशन, हरिद्वार एवं उत्तराखंड आयुर्वेदिक कॉलेज के सहयोग से प्राणिक हीलिंग, रोग परीक्षण, पंचकर्म एवं आहार चिकित्सा पर आधारित दो दिवसीय 11वीं कार्यशाला का शुभारंभ तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. ओंकार सिंह (वीएमएसबीयूटीयू) एवं पूर्व कुलपति, उत्तराखंड आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय, प्रो. सुनील जोशी द्वारा किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. गीता खन्ना, अध्यक्ष, बाल अधिकार संरक्षण प्रकोष्ठ उपस्थित रहीं। कार्यशाला का उद्देश्य योग एवं आयुर्वेद आधारित उपचार पद्धतियों को व्यवहारिक रूप से समझाना और स्वास्थ्य के समग्र दृष्टिकोण को बढ़ावा देना है।
कार्यशाला को विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रो. बिष्णु मोहन दाश, विभागाध्यक्ष (सामाजिक कार्य), भीमराव अंबेडकर कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय ने अपने संबोधन में कहा कि आज योग के अनेक उपचारात्मक तकनीक जैसे मर्म चिकित्सा, कॉस्मिक हीलिंग के द्वारा ड्रग्स थेरेपी को ज्यादा से ज्यादा अपनाया जाना चाहिए। यह समय की आवश्यकता है कि ऐसे वर्कशॉप के माध्यम से समाज में भी जागरूकता लायी
डॉ. उर्मिला पांडे ने बताया कि कॉस्मिक हीलिंग वह तकनीक है जिसमें कॉस्मिक एनर्जी के द्वारा रोगों का रोकथाम समय सेसे जानकारी हो जाने पर किया जा सकता है स यह तकनीक सूक्ष्म शरीर स्तर पर चक्रों और औरा की नकारात्मक एनर्जी को निकालता हैऔर वहां कॉस्मिक एनर्जी आरोपित कर स्वास्थ्य लाभ देता है जिसे सीख कर सेल्फ हेल्प हीलिंग भी किया जा सकता है