Beware of Unverified Rape News
देहरादून। आईएसबीटी क्षेत्र में एक नाबालिग बालिका के साथ दुष्कर्म की गंभीर घटना के मामले में पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सभी पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। सभी आरोपियों को जेल भेज दिया गया है और इस मामले में थाना पटेल नगर पर पॉक्सो अधिनियम के तहत अभियोग दर्ज किया गया है। पुलिस ने अभियुक्तों के खिलाफ साक्ष्य संकलन की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
इस बीच, कुछ इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया तथा पोर्टल्स द्वारा बिना किसी आधिकारिक पुष्टि के समाचारों को प्रसारित और प्रकाशित किया जा रहा है। पुलिस की ओर से जारी किए गए आधिकारिक प्रेस नोट को ही सही मानते हुए प्रकाशित किया जाए। बिना आधिकारिक जानकारी या पुष्टि के किसी भी खबर को प्रसारित या प्रकाशित करने की स्थिति में, उस संबंधित पक्ष की जिम्मेदारी होगी।
लैंगिक अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 23 के अंतर्गत, मीडिया के लिए यह अनिवार्य है कि वे किसी भी बालक के संबंध में बिना अधिप्रमाणित सूचना के कोई रिपोर्ट या टिप्पणी न करें, जिससे बालक की प्रतिष्ठा या निजता प्रभावित हो।
इस प्रकार की जानकारी की अनुशासनहीनता के मामले में, यदि कोई व्यक्ति बिना प्रमाणित सूचना के खबर प्रकाशित करता है, तो पोक्सो एक्ट की धारा 23 के अनुसार वैधानिक कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।
पुलिस द्वारा जारी प्रेस नोट को ध्यान में रखते हुए, सभी मीडिया संस्थानों और नागरिकों से अनुरोध है कि वे आधिकारिक जानकारी के बिना कोई भी रिपोर्ट न करें।सबीटी क्षेत्र में नाबालिक बालिका के साथ हुई दुष्कर्म की दुखद घटना में पुलिस द्वारा घटना में शामिल सभी पांचो अभियुक्तो को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है, घटना के संबंध में थाना पटेल नगर पर पोक्सो अधिनियम के तहत अभियोग पंजीकृत है, जिसमें पुलिस द्वारा अभियुक्तों के विरुद्ध साक्ष्य संकलन की कार्रवाई की जा रही है।
घटना के संबंध में कुछ इलेक्ट्रॉनिक/ प्रिंट मीडिया तथा पोर्टलो द्वारा बिना किसी आधिकारिक पुष्टि के खबरों को प्रकाशित/प्रसारित किया जा रहा है, उक्त संबंध में अवगत कराना है की घटना के संबंध पुलिस द्वारा जो ऑफिशल प्रेस नोट जारी किया जाए उसे ही अधिकृत समझा जाए,और प्रकाशित किया जाय, इसके अतिरिक्त घटना से संबंधित किसी भी खबर को यदि कोई बिना किसी आधिकारिक जानकारी/ पुष्टि के प्रसारित अथवा प्रकाशित करता है तो उसकी समस्त जिम्मेदारी संबंधित पक्ष की होगी ।
लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 23-मीडिया के लिए प्रक्रिया के अंतर्गत अभिलिखित है- कोई व्यक्ति ,किसी भी प्रकार के मीडिया या स्टूडियो या फोटो चित्रण संबंधित सुविधाओं से, कोई पूर्ण या अधिप्रमाणित सूचना रखे बिना, किसी बालक के संबंध में कोई ऐसी रिपोर्ट नहीं करेगा या उस पर कोई ऐसी टीका टिप्पणी नहीं करेगा जिससे उसकी ख्याति का हनन या उसकी निजता का अतिलंघन होना प्रभावित होता हो ।
घटना के संबंध में बिना किसी अधिप्रमाणित सूचना के कोई खबर प्रकाशित या प्रसारित करता है तो पोक्सो एक्ट की धारा 23 के अनुसार अपराध कारित पाए जाने पर संबंधित के विरुद्ध वैधानिक कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।