organ donation through blood donation
देहरादून। सीआईएमएस एंड आर कॉलेज कुंआवाला, देहरादून में ‘रक्तदान से अंगदान की ओर’ विषय पर एक प्रेरणादायक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर उत्तराखण्ड चिकित्सा स्वास्थ्य के पूर्व निदेशक डॉ. एल. एम. उप्रेती मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। सीआईएमएस एंड यूआईएचएमटी ग्रुप ऑफ कॉलेज के चेयरमैन एडवोकेट ललित मोहन जोशी ने अतिथियों का स्वागत सत्कार किया और कार्यक्रम को एक नई दिशा दी।
मुख्य अतिथि डॉ. एल. एम. उप्रेती ने अपने संबोधन में रक्तदान और अंगदान के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि दोनों ही मानव जीवन की सुरक्षा और संरक्षण में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने समाज में जागरूकता और स्वीकृति बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि रक्तदान और अंगदान से दूसरों की जिंदगी बचाई जा सकती है, जो अत्यधिक मानवीय और परोपकारी कार्य है।
एडवोकेट ललित मोहन जोशी ने कहा कि रक्तदान और अंगदान दोनों ही जीवनरक्षक प्रक्रियाएँ हैं, जो समाज को सशक्त बनाती हैं। उन्होंने लोगों को इन दिशा में प्रेरित करने और इसके लाभों को समझाने की जरूरत पर बल दिया।
कार्यक्रम में यह भी बताया गया कि जीवित रहते हुए और मृत्यु के बाद कौन-कौन से अंग दान किए जा सकते हैं। जीवित रहते हुए हम रक्त, त्वचा, हड्डी, बोन मैरो, आंत का कुछ हिस्सा, एक गुर्दा और यकृत का एक हिस्सा दान कर सकते हैं। वहीं, मृत्यु के बाद आंखों की कॉर्निया, गुर्दे, यकृत, आंत, पेनक्रियाज, हड्डियां, दिल, फेफड़े, खून की नलियां और त्वचा दान कर सकते हैं।
इस कार्यक्रम में सीआईएमएस कॉलेज ऑफ नर्सिंग की प्रधानाचार्या डॉ. सुमन वशिष्ठ, सीआईएमएस कॉलेज ऑफ पैरामेडिकल की प्रधानाचार्या डॉ. चारू, उपप्रधानाचार्य रबीन्द्र कुमार झा, शिवानी बिष्ट सहित कर्मचारी और 300 से अधिक छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। सभी ने रक्तदान और अंगदान के प्रति जागरूकता फैलाने का संकल्प लिया और इसे समाज के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया।