shrimad bhagvat puran
श्रीमद् भागवत पुराण की कथा के दूसरे जिन कथा व्यास श्री बजरंगी जी महाराज ने कहा कि श्रीमद् भागवत की कथा परिवार में दुख व कलह दूर करने के साथ साथ आपसी कटुता मिटाकर आपस में प्यार बढ़ती है व जोड़ने का काम करती है । उन्होंने कहा कि श्रीमद् भगवत के दिव्य श्लोक ही थे जिसे सुनकर शुकदेव जी व पिता वेदव्यास जी का मिलन हो पाया ।
व्यास जी ने बताया कि चक्रवर्ती राजा परीक्षित ने शुकदेव जी से कथा सुनी तो मृत्यु के भय से शोक मुक्त होकर गोलोक की प्राप्ति की । महाभारत की सामूर्ण कथा आज सुनाई जिसमे पांडव कौरव का युद्ध , कृष्ण की गीता संदेश व दुर्योधन का अंत का प्रसंग सुनाए । भीष्म पितामह व कृष्ण का भक्ति प्रकरण के साथ ही भीष्म का भगवान से आग्रह कि इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से निकले के भजन पर सभी भक्तगण भाव विभोर हो गए ।
व्यास जी ने कहा कि जिनके जीवन में सच्चे संत होते हैं उनका जीवन धन्य हो जाता है ।
ऋषि आश्रम खुश्बुड़ा में इस अवसर पर आज जगदाचार्य श्रदेय स्वामी श्री उपेन्द्रानन्द सरस्वती जी महाराज के आशीर्वाद जो कि पीठाधीश्वर, श्री नैमिषरण्य धाम के है साथ ही श्री महामण्डलेश्वर स्वामी श्री विद्या चैतन्य जी महाराज संचालक, एवं प्रबंधक की गरिमामय उपस्थिति में हुआ । मुख्य यजमान ई. चंद्र मोहन अग्रवाल सपरिवार सहित उपस्थित थे ।
सभी भक्तों ने खास तौर पर महिलाओं भक्तों ने सुमधुर व संगीतमय भजनो पर भावविभोर होकर तालियों व नृत्य कर भरपूर आनंदलिया।
इस अवसर पर समिति के अध्यक्ष महेश चन्द गुप्ता, महामन्त्री मनमोहन शर्मा, संयोजक एवम प्रचार सचिव सत्य प्रकाश गोयल, प्रचार सचिव बालेरा कुमार गुप्ता, रजनीश गुप्ता, श्रवण कुमार तिवारी (पुजारी) सुरेन्द्र गोयल, देश बन्धु गोयल, दिनेश बंसल। महिला मंडल से विमला गौड, कंचन आनन्द, ममता अग्रवाल देवरानी, प्राची मित्तल व सरला शर्मा सहित सैकड़ों भक्त जन उपस्थित थे ।