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STF ने फर्जी सिम कार्ड रैकेट का भंडाफोड़, आरोपी गिरफ्तार

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देहरादून/पिथौरागढ़। उत्तराखण्ड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) और साइबर क्राइम थाना ने साइबर अपराध के एक बड़े नेटवर्क का भंडाफोड़ करते हुए 748 प्री-एक्टिवेटेड सिम कार्ड, 12 आधार कार्ड, 5 मोबाइल फोन और पैन कार्ड बरामद किए हैं। यह संयुक्त ऑपरेशन भारत सरकार के दूरसंचार विभाग (DOT), I4C (Indian Cyber Crime Coordination Centre) और गृह मंत्रालय के सहयोग से अंजाम दिया गया।

अभियुक्त रघुवीर सिंह कार्की (30 वर्ष), निवासी कालेटी गुर्बुरानी, थाना बेरीनाग, जिला पिथौरागढ़, स्थानीय भोले-भाले लोगों की पहचान का दुरुपयोग करते हुए, उनके नाम पर फर्जी सिम कार्ड एक्टिवेट कर रहा था। इन सिम कार्ड्स को नेपाल के नागरिकों को बेचे जाने की आशंका है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि अभियुक्त, पहचान पत्र लेकर लोगों को सस्ते रिचार्ज और मुफ्त ऑफर का लालच देकर, सिम एक्टिवेशन कराता था और फिर उन्हें आपराधिक गतिविधियों के लिए अन्य लोगों को बेच देता था।

नेपाल बॉर्डर से जुड़ा है मामला
दूरसंचार विभाग के अधिकारियों द्वारा पिथौरागढ़ के सीमांत इलाके बेरीनाग में अचानक बड़ी संख्या में सिम एक्टिवेशन का डेटा सामने आने पर यह संदेह गहराया कि सिम कार्ड का इस्तेमाल राष्ट्रविरोधी और साइबर धोखाधड़ी में हो सकता है। मामले की गंभीरता को देखते हुए STF और साइबर पुलिस की एक संयुक्त टीम गठित की गई जिसने तकनीकी निगरानी और स्थानीय सूचनाओं के आधार पर अभियुक्त की पहचान की।

पहले भी दर्ज है मुकदमा
रघुवीर सिंह पर वर्ष 2024 में भी फर्जी सिम कार्ड के क्रय-विक्रय का मुकदमा दर्ज हो चुका है। इस बार वह “आर.के. इलेक्ट्रॉनिक्स एंड मोबाइल सेंटर” नाम की दुकान की आड़ में फिर से फर्जीवाड़े में लिप्त पाया गया। वह एक्टिवेटेड सिम कार्ड को अन्य नेटवर्क कंपनियों में पोर्ट कराकर अवैध लाभ कमा रहा था।

एफआईआर दर्ज, कई धाराओं में मुकदमा
थाना बेरीनाग में अभियुक्त के खिलाफ भारतीय दूरसंचार अधिनियम 2023 की धारा 42, BNS 2023 की धारा 3(5), 318(4), 61(2) के अंतर्गत मुकदमा दर्ज कर विधिक कार्यवाही की जा रही है।

विशेष आभार
I4C, गृह मंत्रालय द्वारा सदैव उत्तराखंड पुलिस को सहयता एंड समन्वय दिया जा रहा जिसमें नंबर से संबंधित विश्लेषण में डिप्टी डायरेक्टर I4C मुनेश दत्त एवं POS से संबंधित विश्लेषण में रुशी मेहता द्वारा विशेष योगदान रहता है। उत्तराखंड STF I4C सीईओ डॉ राजेश कुमार (आईपीएस), IG I4C रूपा म (आईपीएस), DCP I4C रश्मि शर्मा यादव का आभार व्यक्त करती है।
इसके अतिरिक्त विशेष आभार नवीन जाखड़ डायरेक्टर AI एवं डिजिटल इंटेलिजेंस, दूरसंचार मुख्यालय, नई दिल्ली का भी जिनके द्वारा लगातार समस्त राज्य पुलिस को सहायता प्रदान की जा रही है|
इन अधिकारियों द्वारा तकनीकी विश्लेषण और डाटा समन्वय में निरंतर सहयोग प्रदान किया गया।

पुलिस टीम-
निरीक्षक अरूण कुमार, हेड कानि0 सोनू पाण्डे, हेड कानि0 सुरेन्द्र सांमत, हेड कानि0 किशोर, हेड कानि0 महेन्द्र गिरि, कानि0 जितेन्द्र कुमार,
तकनीकी टीम
हेड कानि0 संदेश, कानि0 कादर खान, कानि0 अंकित, कानि0 सौरभ

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एस0टी0एफ0 उत्तराखण्ड नवनीत सिंह ने जनता से अपील की है कि वे ऐसी सभी दुकानों, पीओएस एजेंटों की रिपोर्ट करें जो मुफ्त ऑफर, मुफ्त रिचार्ज आदि का लालच देकर बड़ी मात्रा में सिम ले रहे हैं। सभी लोग संचार साथी, DOT की TAFCOP सुविधा का उपयोग करके यह जांच सकते हैं कि उनके आधार पर कितने सिम कार्ड जारी किए गए हैं और कृपया उपयोग किए जा रहे किसी भी संदिग्ध सिम को ब्लॉक करने के लिए रिपोर्ट करें। वित्तीय साईबर अपराध घटित होने पर तुरन्त 1930 नम्बर पर सम्पर्क करें ।

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