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CIBIL स्कोर 900? सपना है जनाब, सच्चाई जान लीजिए, वरना पछताएंगे

CIBIL score

अगर आप सोच रहे हैं कि CIBIL स्कोर में 900 की परफेक्शन पा लेंगे, तो जनाब रुकिए — ये नंबर सिर्फ दिखता है, मिलता किसी को नहीं। जानिए क्यों 900 स्कोर सिर्फ एक ‘ड्रीम नंबर’ है और असल में कौन-कितना पहुंच पाता है।

CIBIL स्कोर होता क्या है?
सीधा मतलब: आपकी फाइनेंशियल हैल्थ की रिपोर्ट कार्ड। पैन कार्ड बनते ही ये ट्रैकिंग चालू हो जाती है। आपने कब लोन लिया, कैसे चुकाया, कितनी बार EMI टाइम पर दी — सबका हिसाब-किताब यहां जमा होता है। स्कोर बनता है 300 से 900 के बीच। जितना ज्यादा स्कोर, उतना ज्यादा भरोसा बैंक को।

750+ स्कोर = लोन का पासपोर्ट
अगर स्कोर 750 या उससे ऊपर है तो समझिए बैंक आपको देख कर मुस्कराएगा। 800 पार किया तो आपके पास मोलभाव करने की ताकत होगी — कम ब्याज, ज्यादा लोन! लेकिन…

900? बस दिखावे के लिए
सिस्टम में 900 नंबर दिखता जरूर है, पर किसी को मिलता नहीं। कारण? कोई भी इंसान हमेशा 100% फाइनेंशियली परफेक्ट नहीं रह सकता। एक दिन कुछ गड़बड़ हो सकती है, और CIBIL इसे भी पहले से गिनता है। इसलिए सिस्टम खुद 900 पर स्कोर देना अवॉइड करता है।

850 पार कौन जाता है?
आप आम ग्राहक हैं और आपने अपना वित्तीय लेनदेन एकदम सही रखा है. आपकी सैलरी बहुत अच्छी है. या आपका बिजनेस बहुत अच्छा है। तो भी आप 850 से ऊपर नहीं जाने वाले. हालांकि इतने स्कोर पर भी आप लोन की रकम और ब्याज की दर के लिए बैंक से मोलभाव कर सकते हैं। अगर आप साल के 250 करोड़ से ऊपर कमाते हैं. यानी Ultra-High-Net-Worth Individual हैं और आपका वित्तीय रिकॉर्ड शानदार है तो आप 860 से 890 के बीच भी पहुंच सकते हैं. ऐसा है तो फिर बैंक खुद ही आपको बड़ी रकम और सबसे कम ब्याज ऑफर करेगा।

तो करना क्या चाहिए?
900 का सपना मत देखिए, बल्कि 750 से 850 के बीच स्कोर बनाए रखिए। EMI टाइम पर भरिए, क्रेडिट कार्ड का सही यूज़ कीजिए, और एक से ज्यादा लोन लेने से बचिए। इतना कर लिया तो बैंक खुद पीछे दौड़ता आएगा।

CIBIL स्कोर में 900 पाना एक मिथ है — हकीकत में 850 भी बहुत बड़ी बात है। तो फिक्र न करें, 800 में भी बैंक आपको सिर आंखों पर बिठाएगा।

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