धार्मिक

भागवत संसार का भय नष्ट करती है: बजरंगी जी महाराज

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देहरादून: श्रीमद् भागवत पुराण की कथा का शुभारंभ करते हुए कथा व्यास बजरंगी महाराज ने कहा कि श्रीमद् भागवत की कथा संसार के इस कलयुग में मनुष्य के सुख-दुख, छल-कपट, हानि-लाभ, और जीवन-मृत्यु जैसे सभी भय को समाप्त करती है। उन्होंने कहा कि भक्त राधा-कृष्ण के प्रेम में सब डर भूल जाता है और वह निडर होकर जीवन जीता है।

ऋषि आश्रम खुश्बुड़ा में आज जन्माष्टमी के पावन अवसर पर दिव्य भागवत कथा का शुभारंभ हुआ। इस आयोजन में जगदाचार्य श्रदेय स्वामी उपेन्द्रानन्द सरस्वती महाराज, जो कि श्री नैमिषरण्य धाम के पीठाधीश्वर हैं, के आशीर्वाद और महामण्डलेश्वर स्वामी विद्या चौतन्य महाराज की गरिमामय उपस्थिति रही। मुख्य यजमान ई. चंद्र मोहन अग्रवाल अपने परिवार सहित उपस्थित थे।

अपने प्रवचन में व्यास जी ने बताया कि सद्‌मार्ग पर चलने से मनुष्य का तेज बढ़ता है। उन्होंने दान की महिमा पर विशेष जोर देते हुए कहा कि कलियुग में दान का बहुत महत्व है, परंतु दान सुपात्र को ही दिया जाना चाहिए। भागवत कथा को सातों दिन मन से एकाग्रचित्त होकर सुनना आवश्यक बताया, क्योंकि भागवत् शास्त्र ही सत्कर्म का मार्ग दिखाता है। कथा के दौरान भक्तों ने विशेष रूप से महिला मण्डल के सुमधुर और संगीतमय भजनों पर भावविभोर होकर तालियों और नृत्य के साथ भरपूर आनंद लिया।

कार्यक्रम की शुरुआत सुबह मंगल कलश यात्रा के साथ हुई, जो ऋषि आश्रम मंदिर से प्रारम्भ होकर खुड़बुड़ा-गणेश मंदिर होते हुए वापस मंदिर में विश्राम लिया। इस अवसर पर समिति के अध्यक्ष महेश चन्द गुप्ता, महामंत्री मनमोहन शर्मा, संयोजक सत्य प्रकाश गोयल, प्रचार सचिव बालेरा कुमार गुप्ता, रजनीश गुप्ता, श्रवण कुमार तिवारी (पुजारी) सुरेन्द्र गोयल, देश बन्धु गोयल, दिनेश बंसल और महिला मंडल से श्रीमती विमला गौड, कंचन आनन्द, ममता अग्रवाल देवरानी, प्राची मित्तल व सरला शर्मा सहित सैकड़ों भक्तजन उपस्थित थे।

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