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चिकित्सकों की हड़ताल: देशभर में विरोध और स्वास्थ्य सेवाओं पर असर

doctors strike

कोलकाता में एक महिला ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुई दुष्कर्म और हत्या की घटना के विरोध में आज पूरे देश में चिकित्सक हड़ताल पर हैं। यह हड़ताल 24 घंटे के लिए है, और इसका असर विशेषकर गैर-आपातकालीन और ओपीडी सेवाओं पर पड़ा है। हालांकि, इमरजेंसी सेवाएं पहले की तरह जारी रहेंगी।

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने बताया कि हड़ताल का उद्देश्य अस्पतालों में काम करने वाली महिलाओं की सुरक्षा की मांग करना और इस वीभत्स अपराध के खिलाफ आवाज उठाना है। आईएमए अध्यक्ष डॉ. आर.वी. अशोकन ने कहा कि यह घटना मानवता के खिलाफ अपराध है और इसके लिए एक ठोस कानून की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि 2019 में एक मसौदा विधेयक तैयार किया गया था, लेकिन यह संसद में पेश नहीं किया गया।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने अब निर्देश दिए हैं कि किसी भी स्वास्थ्यकर्मी के खिलाफ हिंसा की स्थिति में संस्थान प्रमुख घटना के अधिकतम 6 घंटे के भीतर प्राथमिकी दर्ज करेंगे। यह निर्देश हड़ताल के बीच आया है, जब सरकार ने मामला फास्ट-ट्रैक कोर्ट में भेजने की बात की है और कहा है कि आरोपियों को कड़ी सजा दी जाएगी।

राजधानी दिल्ली में, चिकित्सकों की अनिश्चितकालीन हड़ताल शुक्रवार को पांचवे दिन भी जारी रही। अस्पतालों में वैकल्पिक सेवाएं ठप हैं, और चिकित्सकों ने निर्माण भवन के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। इसी तरह, उत्तराखंड में भी सरकारी और निजी अस्पतालों के चिकित्सक 24 घंटे के कार्य बहिष्कार पर हैं।

महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्य प्रदेश, पंजाब और गुजरात जैसे राज्यों में भी रेजिडेंट डॉक्टरों ने विरोध मार्च निकाले हैं। कोलकाता में पुलिस ने इस मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया है।

आईएमए और अन्य स्वास्थ्य संगठनों की ओर से यह स्पष्ट किया गया है कि चिकित्सा क्षेत्र में काम करने वालों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और न्याय प्राप्त करना उनकी प्रमुख प्राथमिकता है।

देशभर के विभिन्न स्थानों पर डॉक्टरों के हड़ताल के चलते मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन चिकित्सक इस कदम के माध्यम से न्याय की मांग कर रहे हैं और स्वास्थ्य कर्मियों के लिए सुरक्षित कार्यस्थलों की जरूरत पर जोर दे रहे हैं।

उत्तराखंड में भी दिखा हड़ताल का असर
आज उत्‍तराखंड में सरकारी व निजी अस्पतालों के डॉक्‍टर 24 घंटे के कार्य बहिष्कार पर हैं। कोलकाता में महिला रेजिडेंट चिकित्सक की दुष्कर्म के बाद हत्या के विरोध में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने 24 घंटे के कार्य बहिष्कार का एलान किया है।

चिकित्सक शनिवार 17 अगस्त की सुबह छह बजे से रविवार सुबह 18 अगस्त की सुबह छह बजे तक कार्य बहिष्कार पर रहेंगे। हालांकि कार्य बहिष्कार के दौरान इमरजेंसी, पोस्टमार्टम व वीआइपी ड्यूटी यथावत चलती रहेगी। लेकिन ओपीडी व इलेक्टिव सर्जरी नहीं की जाएगी।

कोरोनेशन की ओपीडी बंद
देहरादून में डॉक्टरों के कार्य बहिष्कार के चलते जिला अस्पताल कोरोनेशन की ओपीडी बंद है। जिला अस्पताल कोरोनेशन से डॉक्टर व स्टाफ ने मार्च निकाला।

एम्स ऋषिकेश में पांचवें दिन भी चिकित्सकों की हड़ताल
एम्‍स ऋषिकेश में आज पांचवें दिन भी चिकित्सकों की हड़ताल जारी है। वहीं, आज आईएमए ऋषिकेश के बैनर तले निजी अस्पतालों में भी चिकित्सक सामूहिक हड़ताल पर हैं। हिमालयन विश्वविद्यालय जौली ग्रांट के चिकित्सकों व मेडिकल स्टूडेंट की ओर से कोलकाता प्रकरण को लेकर विरोध मार्च निकाला गया।

यहां भी किया गया कार्य बहिष्‍कार
हरिद्वार में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के 24 घंटे के कार्य बहिष्कार को प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ ने भी समर्थन किया है। प्रांतीय आह्वान पर सरकारी और निजी अस्पतालों के डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मी सुबह से कार्य बहिष्कार पर हैं। अस्पतालों की ओपीडी संचालित नहीं हो पा रही है। मरीज और तीमारदारों को दिक्कतें भी उठानी पड़ रही है। सीमांत जनपद उत्तरकाशी में जिला अस्पताल सहित सभी सीएचसी व पीएचसी में ओपीडी सेवा ठप है। गढ़वाल मंडल और कुमाऊं मंडल में अधिकांश चिकित्सक हड़ताल पर हैं।

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