GST theft of Rs 12 crore caught
GST theft of Rs 12 crore caught :- राज्य कर मुख्यालय, देहरादून की और से विगत कुछ दिनों से इन 12 फर्मों के लेन-देन पर निगाह रखी जा रही थी तथा फर्मों द्वारा उत्तराखण्ड राज्य से बाहर स्थित फर्मों के बिलों की आड़ में बोगस आईटीसी का लाभ लेकर अपनी जीएसटी देयता को समायोजित किया जा रहा था।
इन फर्मों की और से अपनेे व्यापार से संबंधित फर्जी संव्यवहारों को छिपाने के लिये बिल टू शिप टू का मोड्यूल का सहारा लिया जा रहा था। इन फर्मों के ई-वे बिल में प्रयुक्त वाहनों की जांच में पाया गया कि वे ई-वे बिल बनाये जाने की तिथियों के दौरान ई-वे बिल में प्रदर्शित स्थलों के मार्ग पर स्थित टोल प्लाजा को पार नहीं कर रहे थे या ई-वे बिल बनाये जाने की तिथियों के दौरान किसी अन्य स्थल के टोल प्लाजा को पार कर रहे थे।
GST theft of Rs 12 crore caught :- इन फर्मों के सप्लायर फर्मों की बैकवॉड चौन की जांच करने पर यह पाया गया कि ये सप्लायर फर्में या तो अस्तित्वहीन अथवा विभाग की और से पंजीयन निरस्त किया गया हैं। इन में से कुछ फर्में ऐसे माल की ट्रेडिंग दिखा रही थी, जिनको उनकी और से कभी खरीदा ही नहीं गया था। इन फर्मों द्वारा ऐसा विगत 04 वर्षों (2020-21 से 2023-24 तक) से किया जा रहा था।
इन फर्मों ने जांच के दौरान ही ₹ 1.13 करोड़ रुपये जीएसटी मौके पर ही जमा भी करा दिया है। विभाग की ओर से छापेमारी की इस बड़ी कार्यवाही में कुल 16 टीमें गठित करते हुये 60 अधिकारियों को शामिल किया गया था।
आयुक्त कर ने दिए हैं चोरी करने वाली फार्माे के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश
GST theft of Rs 12 crore caught :- आयुक्त, राज्य कर डॉ अहमद इकबाल की और से बोगस बिलिंग या फर्जी इनपुट का लाभ उठाकर कर चोरी करने वाली अन्य फर्मों को चिन्हित कर उनके विरूद्ध कड़ी कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए हैं। आयुक्त कर द्वारा सभी करदाताओं से यह भी अपील की गई हे कि वे समय से रिटर्न दाखिल करते हुए देय कर को जमा करें तथा यदि इस संबंध में कोई समस्या हो तो हेल्पलाइन नं.- 1800120122277 से सम्पर्क कर सकते हैं ।