Food Safety Department
देहरादून, 14 अक्टूबर। नवरात्र के दौरान दिल्ली में कुट्टू-सिंघाड़े के आटे, घी, तेल सहित अन्य की मांग बढ़ जाती है। उत्तराखंड Food Safety Department के आयुक्त डॉ आर राजेश कुमार के मुताबिक त्योहारी सीजन के दौरान मिलावटी सामान के आने की संभावना ज्यादा होती है, इसे रोकने के लिए विभाग सर्तक है।
Food Safety Department ने सभी जिलों के लिए टीम बनाई
वहीं Food Safety Department ने सभी जिलों के लिए टीम बना बनाई है। विभाग का प्रयास है कि उत्तराखंड में किसी भी प्रकार के मिलावट का सामान लोगों तक न पहुंच पाए। उन्होंने कहा कि नवरात्र से त्योहारों का सीजन शुरू हो जाता है जो दिसंबर तक जारी रहता है। इस दौरान सामान की मांग काफी ज्यादा होती है। ऐसे में मिलावटी कुट्टू-सिंघाड़े के आटे, खोया, घी, चॉकलेट, पनीर, ड्राई फ्रूट आने की संभावना होती है।
उक्त सर्विलांस नमूनों के अतिरिक्त व्रत में उपयोगित अन्य खाद्य सामग्रियों की विधिक जांच नमूने संग्रहित करने के निर्देश जारी किये गये हैं। संयुक्त आयुक्त डा0 आर0 के0 सिंह खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन उत्तराखण्ड की ओर से जारी आदेशों में नवरात्र अवधि से पूर्व उक्त कार्यवाही किये जाने के निर्देश समस्त अभिहित अधिकारियों को निर्गत किये गये हैं।
कुट्टू के आटे के नमूने जांच में हुए थे फेल
आयुक्त खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन उत्तराखण्ड द्वारा अवगत कराया गया कि विगत वर्षों में शारदीय नवरात्र अवधि में संग्रहित कुट्टू के आटे के नमूने जांच में मानकों के अनुरूप नही पाये गये हैं, संदूषित कुट्टू के आटे से निर्मित पकवानों के सेवन से जनपद हरिद्वार व अन्य स्थानों पर लोगों के बीमार होने के दृष्टिगत उक्त घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोेकने हेतु विभाग द्वारा उक्त एतिहाती कदम उठाये जा रहे हैं।
बाजारों में घूम रही है फूड सेफ्टी टीमें
उपायुक्त (मुख्यालय) जी0सी0 कण्डवाल द्वारा अवगत कराया गया है कि, कुट्टू का आटा व व्रत में उपयोगित अन्य खाद्य सामग्री क्रय करते समय निम्न बातों का ध्यान रखें-
1- पैकेट बन्द खाद्य सामग्री के लेबल पर दी गयी जानकारी जैसे कि निर्माण/उपयोग तिथि/निर्माता का नाम एवं पता अवश्य देखें।
2-कुट्टू के आटे को खरीदते समय सुनिश्चित करें कि आटा ज्यादा पुराना न हो।
3-फलों को अच्ची तरह धोकर प्रयोग में लायें।
4-खाद्य सामग्री के तलने में उपयोगित तेल का बार-बार इस्तेमाल न करें।
5-खाद्य पदार्थों में मिलावट की शिकायत विभागीय टोल फ्री नं0- 18001804246 पर की जा सकती है।